हो गयी भोर हाँ भोर
भक्त दर पे आ रहे है।।
हो गयी भोर हाँ भोर
भक्त दर पे आ रहे है।।
चुन चुन के फूल माली
बागो से ला रहे है।।
जागो भी घाटे वाले
के चार बाज गये है।।
जागो भी सोते वाले
के चार बाज गये है।।
हो गयी भोर हाँ भोर
भक्त दर पे आ रहे है।।
हलवाई चुरमे के
लड्डू बना रहे है।।
फूलो से तेरे दर को
माली सज़ा रहे है
मेरे बालाजी।।
लेकर के भोग मंदिर में
आ गए है सब पुजारी।।
जागो हे बालाजी प्यारे
तके राह सब टिहरी।।
हो गयी भोर हाँ भोर
भक्त दर पे आ रहे है।।
मंदिर पे बैठे पंछी
तुमको जगा रहे है।।
फूलो को गीत भावरे
तेरे सुना रहे है
मेरे बालाजी।।
सूरज की धूप बाबा
मंदिर में आ गयी है।।
जागो भी घाटे वाले
दर भीड़ लग गयी है।।
हो गयी भोर हाँ भोर
भक्त दर पे आ रहे है।।
चुन चुन के फूल माली
बागो से ला रहे है।।
जागो भी घाटे वाले
के चार बाज गये है।।
जागो भी सोटे वाले
के चार बाज गये है।।