माँ सरस्वती भजन – बहुत सुंदर गीत
हे सरस्वती माँ ज्ञान की देवी किरपा करो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
करुनामई है तू वरदानी कमल तेरे कर साजे है
आनंद मंगल कर देती है जिस घर मात विराजे है,
ज्ञान से तेरे सरस्वती माँ अँध्यारो का नाश हुआ
समृधि आई उस घर माँ जिस घर तेरा वास हुआ
अपनी महिमा से घर मेरा खुशियों से भरो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
सात सुरों की देवी हो तुम सात सुरों में वास तेरा
सरगम से गूंजे ये धरती सरगम से आकाश तेरा
तेरी किरपा से सरस्वती माँ मंगल सब हो जाता है
जिसके कंठ विराजे माता बिगड़ा भग्य बन जाता है
मेरे भी सारे काज मात तूम पूरण करो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
वीणा धारनी विपदा हारनी कितनी पावन हो माता
देव ऋषि तुम्हे नमन करे माँ दर्शन तेरा मन भाता
गुनी जनों की हो हित कारी सब को शरण लगाती हु
जिसकी वाणी में बस जाओ माला माल बनाती हो
हम दीं हीन पे मात मेरी तुम ध्यान धरो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
Hey Saraswati Maa Kripa Karo Lyrics
“हे सरस्वती माँ कृपा करो” एक भावपूर्ण भक्ति गीत है जो ज्ञान की देवी, सरस्वती को समर्पित है। गीत में सरस्वती के आशीर्वाद और कृपा की याचना की गई है और उनसे ज्ञान, रचनात्मकता और बुद्धिमत्ता प्रदान करने का आग्रह किया गया है। गायक जीवन की यात्रा में मार्गदर्शन और ज्ञान के महत्व पर जोर देते हुए चुनौतियों और बाधाओं को दूर करने के लिए सरस्वती मां के दिव्य हस्तक्षेप की मांग करता है। यह भजन ज्ञान और कलात्मकता की प्रतीक मां सरस्वती के प्रति भक्त की श्रद्धा को दर्शाता है। Saraswati | saraswati bhajan |
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