Hanuman ashtak Full Lyrics (हनुमान अष्टक) | 2024 | MP3 Download

Hanuman ashtak Lyrics in Hindi

श्री हनुमान जी की पूजा आराधना में हनुमान अष्टक का नियमित पाठ करने से भक्तों को गंभीर संकट से मुक्ति मिलती है। हनुमान चालीसा के साथ इसका पाठ करना मंगलदोष और भाय के नाश में सहायक होता है। मंगलवार और शनिवार को इसे पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होता है। मंगलवार के दिन पवनपुत्र हनुमान की आराधना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और संकट दूर होता है। संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करके आज के दिन अपने जीवन को शुभ और समृद्धि से भर दें।

॥ हनुमानाष्टक ॥

Hanuman ashtak

बाल समय रवि भक्षी लियो तब,

तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।

ताहि सों त्रास भयो जग को,

यह संकट काहु सों जात न टारो ।

देवन आनि करी बिनती तब,

छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।

को नहीं जानत है जग में कपि,

संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥

बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,

जात महाप्रभु पंथ निहारो ।

चौंकि महामुनि साप दियो तब,

चाहिए कौन बिचार बिचारो ।

कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,

सो तुम दास के सोक निवारो ॥ २ ॥

अंगद के संग लेन गए सिय,

खोज कपीस यह बैन उचारो ।

जीवत ना बचिहौ हम सो जु,

बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।

हेरी थके तट सिन्धु सबै तब,

लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥ ३ ॥

रावण त्रास दई सिय को सब,

राक्षसी सों कही सोक निवारो ।

ताहि समय हनुमान महाप्रभु,

जाए महा रजनीचर मारो ।

चाहत सीय असोक सों आगि सु,

दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥ ४ ॥

बान लग्यो उर लछिमन के तब,

प्राण तजे सुत रावन मारो ।

लै गृह बैद्य सुषेन समेत,

तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।

आनि सजीवन हाथ दई तब,

लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥ ५ ॥

रावन युद्ध अजान कियो तब,

नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।

श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,

मोह भयो यह संकट भारो I

आनि खगेस तबै हनुमान जु,

बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥ ६ ॥

बंधु समेत जबै अहिरावन,

लै रघुनाथ पताल सिधारो ।

देबिहिं पूजि भलि विधि सों बलि,

देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।

जाय सहाय भयो तब ही,

अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥ ७ ॥

काज किये बड़ देवन के तुम,

बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।

कौन सो संकट मोर गरीब को,

जो तुमसे नहिं जात है टारो ।

बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,

जो कछु संकट होय हमारो ॥ ८ ॥

॥ दोहा ॥

लाल देह लाली लसे,

अरु धरि लाल लंगूर ।

वज्र देह दानव दलन,

जय जय जय कपि सूर ॥

“हनुमान अष्टक” एक भक्ति भजन है जिसमें भगवान राम के समर्पित शिष्य भगवान हनुमान को समर्पित आठ छंद शामिल हैं। छंदों में हनुमान की वीरता, शक्ति और राम के प्रति अटूट भक्ति का वर्णन किया गया है। भक्त शक्ति, साहस और प्रतिकूलताओं से सुरक्षा के लिए हनुमान का आशीर्वाद पाने के लिए हनुमान अष्टक का पाठ करते हैं। यह भजन हनुमान के दिव्य गुणों के प्रति श्रद्धा की हार्दिक अभिव्यक्ति है। Hanuman ashtak Lyrics in Hindi | Hanuman ashtak Lyrics in Hindi | Hanuman ashtak Lyrics | Hanuman ashtak mantra | हनुमान अष्टक | baps new ashtak pdf

हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है। मान्यता है कि हनुमान जी की कृपा से सभी तरह के संकट पल भर में दूर हो जाते हैं। बड़े-बड़े पर्वत उठाने वाले, समुद्र लांघ जाने वाले, स्वयं ईश्वर का कार्य संवारने वाले संकटमोचन हनुमान की विधि पूर्वक पूजा करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। कहा जाता है कि विधि विधान से बजरंगबली की पूजा-अर्चना करने से सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

हनुमानजी के पथ पर चलने वालों को कोई भी संकट नहीं मिलता है। नियमित रूप से भगवान हनुमान की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है। ऐसे में संकटों और कष्टों से मुक्ति के लिए प्रत्यके मंगलवार आपको हनुमान अष्टक का पाठ करना चाहिए। यहां हनुमान अष्टक लिरिक्स दी जा रही है, जिसकी मदद से आप इसका पाठ कर सकते हैं… 

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