शिवजी

shiv mahimna stotra

Shiv Mahimna Stotra lyrics – by Hindubhajan

Shiv Mahima stotra lyrics arth ke sath ।। शिव महिम्न: स्तोत्रम् ।। महिम्नः पारं ते परमविदुषो यद्यसदृशी ।स्तुतिर्ब्रह्मादीनामपि तदवसन्नास्त्वयि गिरः ।।अथाऽवाच्यः सर्वः स्वमतिपरिणामावधि गृणन् ।ममाप्येष स्तोत्रे हर निरपवादः परिकरः ।।1।। अतीतः पंथानं तव च महिमा वाङ्मनसयोः ।अतद्व्यावृत्त्या यं चकितमभिधत्ते श्रुतिरपि ।।स कस्य स्तोतव्यः कतिविधगुणः कस्य विषयः ।पदे त्वर्वाचीने पतति न मनः कस्य न वचः ।।२।। […]

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Karpur Gauram Karunavtaram

Karpur Gauram Karunavtaram lyrics – By Hindubhajan “कर्पूर गौरं करुणावतारं” भगवान शिव की महिमा का स्तोत्र है जो उनकी शांति और करुणा का वर्णन करता है। इसमें शिव को कर्पूर (कपूर) के समान श्वेत, करुणा के अवतार, संसार के पिता, गजचर्म परिधान और स्मशानवासी के रूप में वर्णित किया गया है। कर्पूर गौरम करुणावतारम मंत्र

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Aisa damru bajaya bholenath ne – shiv bhajan, शिव की पूजा आपको आध्यात्मिक स्तर पर ऊपर उठाती है, ग्रह दोष के दुष्प्रभाव को दूर करती है।

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने – शिव भजन यह भजन भगवान शिव की महिमा का गुणगान करता है, जिससे मन में शांति और भक्ति का संचार होता है। इसे गाने से व्यक्ति के मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है। इसके उच्चारण से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता

Aisa damru bajaya bholenath ne – shiv bhajan, शिव की पूजा आपको आध्यात्मिक स्तर पर ऊपर उठाती है, ग्रह दोष के दुष्प्रभाव को दूर करती है। यहाँ पढ़े

Shiv Rudrashtakam

Shiva Rudrashtakam Stotram, नमामी शमीशान निर्वाणरूपं पाठ से महाशिवरात्रि पर कीजिए शिवजी को प्रसन्न।

शिव रुद्राष्टकम संत तुलसीदास जी द्वारा शिव या रुद्र पर एक भक्तिपूर्ण संस्कृत रचना है। यह रामचरित मानस के उत्तर कांड (107 के बाद) में दिखाई देता है। रुद्राष्टकम में भजनों के आठ छंद हैं जो शिव के कई गुणों और कार्यों का वर्णन करते हैं जैसे त्रिपुरा का विनाश और कामदेव का विनाश। Shiva

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Shiv Raksha Stotra

Shiv Raksha Stotra, भगवान विष्णु की आरती पढ़ने से मन को शांत और संतुलित करती है, और भक्त के मन को शांति का अनुभव होता है।

Shiv Raksha Stotra lyrics in hindi भगवान विष्णु की आरती पढ़ने से मन को शांत और संतुलित करती है, और भक्त के मन को शांति का अनुभव होता है। ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥ जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे

Shiv Raksha Stotra, भगवान विष्णु की आरती पढ़ने से मन को शांत और संतुलित करती है, और भक्त के मन को शांति का अनुभव होता है। यहाँ पढ़े

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