Gyan Ki Jyoti Jaga Dena Aarti
“ज्ञान की ज्योति जगा देना” ज्ञान के मार्ग को रोशन करने का आह्वान करता है। यह भक्तिपूर्ण अभिव्यक्ति ज्ञान की जागृति, स्पष्टता और ज्ञानोदय का आग्रह करती है। यह ज्ञान की उज्ज्वल रोशनी के माध्यम से अज्ञानता को दूर करने को प्रोत्साहित करते हुए, समझ की खोज का प्रतीक है। इसे पढ़ने के बाद देवी सरस्वती को समर्पित एक भक्ति प्रार्थना है, जो ज्ञान, बुद्धिमत्ता और विद्या के अवतार के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
Gyan Ki Jyoti Jaga Dena Lyrics in Hindi:
वीणा वादिनी ज्ञान की देवी
अपनी दया बरसा देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना
ज्ञान की ज्योति जगा देना
(वीणा वादिनी ज्ञान की देवी
अपनी दया बरसा देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना)
ज्ञान की ज्योति जगा देना
तू सारे संगीत सँवारे
रागों में आभास तेरा
(रागों में आभास तेरा)
साजों की आवाज तुझी से
सारे सुरों में वास तेरा
(सारे सुरों में वास तेरा)
सारे सुरों में वास तेरा
राग रागिनी मेरी सरगम
इनको और खिला देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना
ज्ञान की ज्योति जगा देना
(वीणा वादिनी ज्ञान की देवी
अपनी दया बरसा देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना)
हाँ ज्ञान की ज्योति जगा देना
ग्रंथों के हर एक पन्ने पर
तू ही शब्द सजाती है
(तू ही शब्द सजाती है)
कलम थमा के तू कवियों से
प्यारे गीत लिखाती है
(प्यारें गीत लिखाती है)
प्यारे गीत लिखती है
चलती रहे बस मेरी लेखनी
इतना योग्य बना देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना
ज्ञान की ज्योति जगा देना
(वीणा वादिनी ज्ञान की देवी
अपनी दया बरसा देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना)
हाँ ज्ञान की ज्योति जगा देना
तेरी कृपा से कला निखरती
रंग खिले तस्वीरों में
(रंग खिले तस्वीरों में)
तू सतरंगी जीवन करती
रंग भरे तकदीरो में
(रंग भरे तकदीरों में)
रंग भरे तकदीरों में
जग में ऊँचा नाम रहे माँ
ऐसी युक्ति लगा देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना
ज्ञान की ज्योति जगा देना
(वीणा वादिनी ज्ञान की देवी
अपनी दया बरसा देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना)
हाँ ज्ञान की ज्योति जगा देना
जब जब बोलूं कोई वाणी
अमृत की बौछार लगे
(अमृत की बौछार लगे)
मधुर वचन हर मन को भाए
वीणा की झंकार लगे
(वीणा की झंकार लगे)
वीणा की झंकार लगे
कंठ बसो है मात शारदे
मीठे बोल सिखा देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना
ज्ञान की ज्योति जगा देना
(वीणा वादिनी ज्ञान की देवी
अपनी दया बरसा देना
मेरे सिर पर हाथ धरो माँ
ज्ञान की ज्योति जगा देना)
हाँ ज्ञान की ज्योति जगा देना
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“ज्ञान की ज्योति जगा देना” ज्ञान के मार्ग को रोशन करने का आह्वान करता है। यह भक्तिपूर्ण अभिव्यक्ति ज्ञान की जागृति, स्पष्टता और ज्ञानोदय का आग्रह करती है। यह ज्ञान की उज्ज्वल रोशनी के माध्यम से अज्ञानता को दूर करने को प्रोत्साहित करते हुए, समझ की खोज का प्रतीक है। इसे पढ़ने के बाद देवी सरस्वती को समर्पित एक भक्ति प्रार्थना है, जो ज्ञान, बुद्धिमत्ता और विद्या के अवतार के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
“ज्ञान की ज्योति जगा देना” एक भक्ति भजन है जो ज्ञान के प्रकाश का आह्वान करता है। गीत ज्ञान और समझ के मार्ग को रोशन करने की अपील व्यक्त करते हैं। गायक ईश्वर से विनती करता है कि वह व्यक्ति के भीतर ज्ञान की लौ जगाए और जीवन की यात्रा में उसका मार्गदर्शन करे। भजन आध्यात्मिक लालसा के सार को पकड़ता है, अज्ञानता को दूर करने और एक उज्जवल, प्रबुद्ध अस्तित्व की ओर ले जाने के लिए आत्मज्ञान की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर देता है। (ज्ञान की ज्योति जगा देना) | Full lyrics in HIndi
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