Kalo Ki Kaal Mahakali – Kali Maa bhajan

Kalo Ki Kaal Mahakali Manish Agarwal

कालो की काल महाकाली
भवानी माई कलकत्ता वाली

कलकत्ता वाली भवानी माई काली
महिमा तुम्हारी निराली
भवानी माई कलकत्ता वाली

हे अंगारों जैसे नयन लाल लाल
अधरों की लाली गले मुंड माल
जा लम्बी जीभ न काली
भवानी माई कलकत्ता वाली

आगे है हनुमत जी झंडा संभाले
पीछे कुबेर संग भैरव मतवाले
अरे बिच में विकराल रूप वाली
भवानी माई कलकत्ता वाली

दानव दलन करे दुष्टों को मारे
काली की शक्ति जगत जन के तारे
अरे हाथो में भारी भुजाली
भवानी माई कलकत्ता वाली

काली की शक्ति को जिसने भी जाना
मौनी दीवाना हुआ उसका जमाना
दुष्टों से जगत करो खाली
भवानी माई कलकत्ता वाली

कालो की काल महाकाली
भवानी माई कलकत्ता वाली

कलकत्ता वाली भवानी माई काली
महिमा तुम्हारी निराली
भवानी माई कलकत्ता वाली

“Kalo Ki Kaal Mahakali” is a powerful devotional bhajan dedicated to Maa Kali, sung by Manish Agarwal. The song glorifies Kali Maa as the ultimate force, the conqueror of time and death, known as “Kaal.” Through intense lyrics and captivating rhythm, the bhajan invokes the goddess’s fierce energy, asking for her blessings to protect devotees from evil and guide them through life’s challenges. Kali is revered as the destroyer of ignorance and negativity, making this bhajan a heartfelt plea for transformation, strength, and spiritual growth under her divine protection.

“कालो की काल महाकाली” मनीष अग्रवाल द्वारा गाया गया माँ काली को समर्पित एक शक्तिशाली भक्ति भजन है। यह गीत काली माँ को परम शक्ति, समय और मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाली, “काल” के रूप में महिमामंडित करता है। तीव्र बोल और मनमोहक लय के माध्यम से, भजन देवी की प्रचंड ऊर्जा का आह्वान करता है, भक्तों को बुराई से बचाने और जीवन की चुनौतियों से उनका मार्गदर्शन करने के लिए उनका आशीर्वाद मांगता है। काली को अज्ञानता और नकारात्मकता के नाश करने वाली के रूप में पूजा जाता है, जो इस भजन को उनकी दिव्य सुरक्षा के तहत परिवर्तन, शक्ति और आध्यात्मिक विकास के लिए एक हार्दिक निवेदन बनाता है।

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